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‘तुलसी का रचना संसार’ 135 अंतरों का एक गेयात्मक गीत हैlइसमें भक्ति-काल में रामाश्रयी शाखा के सर्वश्रेष्ठ कवि संत शिरोमणि गोस्वामी तुलसीदास जी के जीवन और रचना-संसार का काव्यात्मक विवेचन गया हैlतुलसीदास जी के भावपक्ष, कलापक्ष, रस, छंद, अलंकार, लोक कल्याणकारी साहित्य के सृजन,लोकहित में आदर्शों का कृतियों के माध्यम से व्यस्थापन,तुलसी के रामराज्य या आदर्श राज्य की अवधारणा,सर्व लोकहित के निहित भाव,विविध विचारधाराओं, पंथों, विघटित होते सामाजिक और पारिवारिक मूल्यों में समन्वय आदि पर प्रकाश डाला गया हैl